स्मृति के स्मृति के तौर पर जेल में निरुद्ध रहने पर जेल प्रशासन द्वारा अच्छा भोजन नहीं दिया जाने पर हमारे कुशाभाऊ ठाकरे जी द्वारा जेलर को बताते हुए एक स्मरण दिलाया था जिसमें कैदियों द्वारा एक जेलर को बोरे में भरकर ग्लास द्वारा कैदियों ने बहुत पीटा था यह संस्मरण जेलर महोदय को सुनाने के बाद हमें अगले दिन खाना बहुत अच्छा मिला यह स्मरण हमें आज भी याद है